दिल के चंद एहसास
राह के कांटे नहीं हैं, अपने मेरे दुश्मनों से
वो तो हमको ये सिखाते, पैर रखना है कहाँ।।
गर सफलता मिल ही जाए, थोड़ी सी सामर्थ्य से तो
क्या मिला, कैसे मिला, फिर लुफ्त इसका है कहाँ।।
----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Oct-2022 04:44 PM
सभी श्रेष्ठ जनों का दिल से बहुत बहुत धन्यवाद
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Raziya bano
24-Oct-2022 09:59 AM
Bahut khub
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Sachin dev
23-Oct-2022 07:02 PM
Nice 👌
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